सिर्फ वंदे भारत, राजधानी एक्सप्रेस ही नहीं... रेलवे की जेब भर रही हैं ये ट्रेनें, 10 महीने में की ₹22 करोड़ की कमाई
Vistadome Coach in Central Railway: सेंट्रल रेलवे ने बताया कि अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान सेंट्रल रेलवे के विस्टाडोम कोच से 1,47,429 लोगों ने सफर किया, जिससे रेलवे को 21.95 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है.
Vistadome Coach in Central Railway: भारतीय रेलवे पैसेंजर्स के लिए हर दिन 10 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलाती है. इन ट्रेनों से हर दिन करीब 2 करोड़ से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं. हालांकि, कुछ ट्रेनें ऐसी होती हैं, जिनका इस्तेमाल पैसेंजर्स सिर्फ एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ही नहीं करते हैं, बल्कि इनका सफर भी लोगों के लिए काफी सुहाना होता है. सेंट्रल रेलवे अपने पैसेंजर्स के लिए ऐसे ही विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन चलाती है. चाहे मुंबई गोवा रूट पर घाटियों, नदियों और झरनों का मनमोहक दृश्य हो या मुंबई-पुणे रूट पर वेस्टर्न घाट का शानदार नजारे, चौड़ी खिड़कियों और ग्लॉस टॉप वाले ये कोच लोगों को बहुत पसंद आते हैं.
सेंट्रल रेलवे ने बताया कि अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान सेंट्रल रेलवे के विस्टाडोम कोच से 1,47,429 लोगों ने सफर किया, जिससे रेलवे को 21.95 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है.
कितने लोगों ने किया विस्टाडोम कोच से सफर
11007/11008 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन एक्सप्रेस 99.50% यानी 26,269 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ सबसे आगे है, इसके बाद 12125/12126 मुंबई-पुणे-मुंबई प्रगति एक्सप्रेस है, जिसमें 99.17% यानी 26,183 यात्री आक्यूपेंसी के साथ.
12051/12052 सीएसएमटी-मडगांव- सीएसएमटी जनशताब्दी एक्सप्रेस 97.13% यानी 25,644 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ, 12123/12124 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन क्वीन 94.8% यानी 25,030 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ, 22119/22120 मुंबई-करमली- मुंबई तेजस एक्सप्रेस 91.02% यानी 24,031 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ और 12025/12026 पुणे-सिकंदराबाद-पुणे शताब्दी एक्सप्रेस 76.78% यानी 20,272 यात्रियों की ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही हैं.
रेलवे की हुई कितनी कमाई
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22119/22120 मुंबई-करमली-मुंबई तेजस एक्सप्रेस.18 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ सबसे आगे है, इसके बाद 12051/12052 सीएसएमटी-मडगांव- सीएसएमटी जनशताब्दी एक्सप्रेस है जिसका राजस्व 5.14 करोड़ रुपये है.
12025/12026 पुणे-सिकंदराबाद-पुणे शताब्दी एक्सप्रेस 4.16 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ, 12123/12124 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन क्वीन 2.29 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ, 12125/12126 मुंबई-पुणे-मुंबई प्रगति एक्सप्रेस 2.29 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ. 2.20 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 11007/11008 मुंबई-पुणे-मुंबई डेक्कन एक्सप्रेस 1.98 करोड़ रुपये का राजस्व के साथ चल रही हैं.
विस्टाडोम कोच पहली बार 2018 में मुंबई-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस में सीआर पर पेश किए गए थे. यात्रियों की भारी मांग के कारण, मुंबई-मडगांव रूट पर दूसरा विस्टाडोम कोच 15.09.2022 से तेजस एक्सप्रेस से जोड़ा गया था.
इन कोचों की अपार लोकप्रियता के कारण दिनांक 26.6.2021 से मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस में इन कोचों की शुरुआत की गई और यात्रियों की मांग को देखते हुए, मुंबई-पुणे रूट पर दो और विस्टाडोम कोच दिनांक 15.8.2021 से डेक्कन क्वीन से जोड़े गए. 2021 और प्रगति एक्सप्रेस में दिनांक 25.07.2022 से और साथ ही पुणे-सिकंदराबाद शताब्दी एक्सप्रेस में भी दिनांक 10.08.2022 से एक विस्टाडोम कोच.
क्यों खास है विस्टाडोम कोच?
विस्टाडोम कोच में कांच की छत के अलावा कई अन्य विशेषताएं हैं जैसे चौड़ी खिड़की के शीशे, एलईडी लाइटें, घूमने वाली सीटें और पुशबैक कुर्सियां, विद्युत चालित स्वचालित स्लाइडिंग कम्पार्टमेंट दरवाजे, दिव्यांगों के लिए चौड़े साइड स्लाइडिंग दरवाजे, सिरेमिक टाइल फर्श के साथ शौचालय आदि. अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात, देखने वाली गैलरी.
06:12 PM IST